Thursday 15 September 2016

गोदान


पुस्तक समीक्षा
मैं अंजनी कुमार शर्मा आज शिक्षक दिवस ०५/०९/२०१६ पर  पुस्तक समीक्षा लेकर प्रस्तुत हूँ I पुस्तक का नाम गोदान हैI जो कि मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक उपन्यास है तथा प्रेमचंद साहित्य का एक अंश है I इस पुस्तक के प्रकाशक भारतीय ग्रन्थ निकेतन है तथा इसका प्रकाशन वर्ष २०११ है  और  मूल्य २०० रूपये है I यह मुंशी प्रेमचंद का कृषक जीवन पर आधारित कालजयी उपन्यास है I इसमें छोटे किसान के जीवन में आने वाली अनेक कठिनाइयों का सजीव चित्रण है I यह उपन्यास आज भी प्रासंगिक है I इसमें होरी नामक एक छोटा किसान गरीबी  से  जूझ रहे किसानों का प्रतिनिधित्व करता है I तो धनिया होरी की पत्नी हर मुसीबत में उसका साथ देती है I उसके मन में जमीदारों के प्रति आक्रोश है परन्तु होरी कहता है कि जब दूसरे पांवों तले अपनी गदन दबी हो तो उन पांवों को सहलाने में ही कुशलता है I होरी का पूरा जीवन एक गाय को अपने दरवाजे पर बांधने  और गोरस को पीने की आशा में व्यतीत हो जाता है I प्रकृति की मार झेलते  और सेठ साहूकारों के कर्ज से दबे   होरी का जब प्राणांत हो जाता है तो उसकी पत्नी से गोदान कराने  की  बात की जाती है I यह उपन्यास का मार्मिक क्षण है I  इस उपन्यास को पढकर आप तत्कालीन परिस्थितियों से रूबरू हो सकेंगे साथ ही मुंशी प्रेमचंद के बेजोड कथा साहित्य का रसास्वादन भी कर सकेंगे I यह उपन्यास केन्द्रीय विद्यालय एटा के पुस्तकालय में उपलब्ध है I कृपया आप इसे  जरुर पढ़ें और हिन्दी साहित्य की गहराई को समझें I

धन्यवाद 
अंजनी कुमार शर्मा  (TGT Hindi)

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