पुस्तक समीक्षा
मैं अंजनी कुमार शर्मा आज शिक्षक
दिवस ०५/०९/२०१६ पर पुस्तक समीक्षा लेकर
प्रस्तुत हूँ I पुस्तक का नाम गोदान
हैI जो कि मुंशी प्रेमचंद
द्वारा रचित एक उपन्यास है तथा प्रेमचंद साहित्य का एक अंश है I इस पुस्तक के प्रकाशक
भारतीय ग्रन्थ निकेतन है तथा इसका प्रकाशन वर्ष २०११ है और मूल्य २०० रूपये
है I यह मुंशी प्रेमचंद
का कृषक जीवन पर आधारित कालजयी उपन्यास है I इसमें छोटे किसान के जीवन में आने वाली अनेक
कठिनाइयों का सजीव चित्रण है I यह उपन्यास आज भी प्रासंगिक है I इसमें होरी नामक एक छोटा
किसान गरीबी से जूझ रहे किसानों का प्रतिनिधित्व करता है I तो धनिया होरी की पत्नी हर
मुसीबत में उसका साथ देती है I उसके मन में जमीदारों के प्रति आक्रोश है परन्तु होरी कहता
है कि जब दूसरे पांवों तले अपनी गदन दबी हो तो उन पांवों को सहलाने में ही कुशलता
है I होरी का पूरा जीवन
एक गाय को अपने दरवाजे पर बांधने और गोरस
को पीने की आशा में व्यतीत हो जाता है I प्रकृति की मार झेलते और सेठ साहूकारों के कर्ज से दबे होरी
का जब प्राणांत हो जाता है तो उसकी पत्नी से गोदान कराने की बात
की जाती है I यह उपन्यास का
मार्मिक क्षण है I इस उपन्यास को
पढकर आप तत्कालीन परिस्थितियों से रूबरू हो सकेंगे साथ ही मुंशी प्रेमचंद के बेजोड
कथा साहित्य का रसास्वादन भी कर सकेंगे I यह उपन्यास केन्द्रीय विद्यालय एटा के
पुस्तकालय में उपलब्ध है I कृपया आप इसे जरुर
पढ़ें और हिन्दी साहित्य की गहराई को समझें I
धन्यवाद
अंजनी कुमार शर्मा (TGT Hindi)